गोंडा में जिलाधिकारी नेहा शर्मा की सख्ती: आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की कार्यक्षमता की होगी सघन जांच

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गोंडा में जिलाधिकारी नेहा शर्मा की सख्ती: आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की कार्यक्षमता की होगी सघन जांच

308 स्वास्थ्य केंद्रों पर सेवाओं की गुणवत्ता, उपस्थिति एवं सुविधाओं का होगा मूल्यांकन

गोंडा, 30 मई।
जिले में संचालित 308 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की कार्यक्षमता और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता अब जिला प्रशासन की कड़ी निगरानी में है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने शुक्रवार को एक महत्त्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए एसडीएम से लेकर कई अन्य वरिष्ठ जिला स्तरीय अधिकारियों को इन केंद्रों का जमीनी सत्यापन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

निरीक्षण दल स्थानीय नागरिकों से भी संवाद करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तैनात कर्मचारियों की उपस्थिति, सेवा की गुणवत्ता और व्यवहार संतोषजनक है या नहीं। यह फीडबैक रिपोर्ट का अभिन्न हिस्सा होगा।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने इस संबंध में कहा कि जनमानस को गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवाएं देना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की गतिविधियों को जमीन पर प्रभावी बनाने के लिए पारदर्शी निरीक्षण प्रणाली आवश्यक है। हमने सुनिश्चित किया है कि हर केंद्र की कार्यप्रणाली का मूल्यांकन तथ्यों और स्थानीय फीडबैक के आधार पर हो। जो भी लापरवाही सामने आएगी, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

इस निरीक्षण की रिपोर्ट डॉ. आदित्य वर्मा, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा 10 कार्य दिवसों में जिलाधिकारी को प्रस्तुत की जाएगी।

इस निरीक्षण अभियान के माध्यम से इन केंद्रों पर सीधे तौर पर जनमानस को प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और सुलभता को सुनिश्चित किया जाना है।

निरीक्षण के दौरान जांच अधिकारियों को विशेष रूप से निम्नलिखित बिंदुओं पर मूल्यांकन करना है:

  1. सीएचओ की उपस्थिति क्या अटेण्डेन्स मैनेजमेंट सिस्टम (AMS) एप के माध्यम से दर्ज हो रही है?
  2. औषधियों की उपलब्धता और डीपीडीएमएस पोर्टल से उनकी नियमित आपूर्ति।
  3. जांच सुविधाओं और टेली-कन्सल्टेशन सेवाओं की स्थिति।
  4. 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के नागरिकों की गैर-संचारी रोगों (NCD) की स्क्रीनिंग एवं पोर्टल पर डेटा अपलोड की प्रगति।
  5. वेलनेस सत्रों का आयोजन (कम से कम 10 प्रति माह)।
  6. जन आरोग्य समिति के अन्टाइड फंड का स्थानीय स्तर पर समुचित उपयोग।
  7. राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों (NQAS) की दिशा में प्रगति।
  8. केंद्रों का नाम “आयुष्मान आरोग्य मंदिर – आरोग्यं परमं धनम्” में परिवर्तन कर फोटोग्राफ्स का पोर्टल पर अपलोड।

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