तीन दिन में अतिक्रमण हटायें मंडी सचिव नहीं तो होगी कार्रवाई- उपनिदेशक
गोंडा जिले की करनैलगंज नवीन मंडी इन दिनों अव्यवस्थाओं और भ्रष्टाचार का अड्डा बनती जा रही है। मंडी में बिना आवंटन के अवैध रूप से दुकानें लगाई जा रही हैं, जिससे वैध रूप से दुकान लेकर बैठे व्यापारियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, मंडी प्रशासन की लापरवाही और मिलीभगत से प्रतिदिन लाखों का राजस्व नुकसान भी सामने आया है।
उपनिदेशक के आदेश की उड़ रही धज्जियां
करनैलगंज मंडी में अवैध दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उपनिदेशक मंडी प्रशासन व विपणन अयोध्या ईरा. प्रदेश ने मंडी सचिव मुकेश जायसवाल को कड़ा निर्देश जारी किया है। आदेश में साफ कहा गया है कि यदि तत्काल अवैध दुकानों को नहीं हटवाया गया तो मंडी सचिव को पूरे प्रकरण में दोषी मानते हुए सख्त कार्रवाई की जाएगी। बावजूद इसके अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
सचिव-निरीक्षक में तनातनी
मंडी सचिव और निरीक्षक के बीच चल रही खींचतान ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। सचिव का आरोप है कि उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा, जबकि निरीक्षक खुद का तबादला चाह रहे हैं। प्रशासनिक अराजकता के चलते मंडी की कार्यप्रणाली ठप हो गई है।
सीसीटीवी बंद, गेट पास और तौल प्रक्रिया गायब
मंडी में रोजाना 100 से अधिक वाहन आते हैं, लेकिन न तो उनका गेट पास बनता है और न ही धर्म कांटे पर कोई तौल की जाती है। मंडी में लगे सभी सीसीटीवी कैमरे लंबे समय से खराब पड़े हैं, जिससे पूरे सिस्टम में पारदर्शिता नदारद है। इससे प्रतिदिन लाखों रुपए का घोटाला होने की आशंका है।
2 करोड़ के घोटाले के बाद भी नहीं चेता सिस्टम
पिछले साल मंडी में 2 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला सामने आया था। उस समय कई लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ, लेकिन अब भी हालात जस के तस बने हुए हैं। पुरानी अनियमितताएं आज भी पूरी ताकत से मंडी को खोखला कर रही हैं।
गंदगी से व्यापारी परेशान
मंडी की साफ-सफाई की हालत बदहाल है। जगह-जगह कूड़ा और गंदगी फैली है, जिससे वैध दुकानदारों को व्यापार में कठिनाई हो रही है। इससे न सिर्फ मंडी की छवि खराब हो रही है, बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार को मिलने वाला राजस्व भी प्रभावित हो रहा है।
डीएम और प्रशासन से व्यापारी कर रहे कार्रवाई की मांग
मंडी में जारी अराजकता से नाराज़ व्यापारी अब जिला प्रशासन और शासन से सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि समय रहते मंडी में सुधार नहीं हुआ तो वे आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगे।

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