नई दिल्ली: वक्फ बिल को संसद की हरी झंडी, लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास हुआ बिल, पक्ष में पड़े 128 वोट

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नई दिल्ली: वक्फ बिल को संसद की हरी झंडी, लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास हुआ बिल, पक्ष में पड़े 128 वोट

नई दिल्ली: वक्फ बिल को संसद की हरी झंडी, लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास हुआ बिल, पक्ष में पड़े 128 वोट
लोकसभा से पास होने के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को गुरुवार को राज्यसभा में पेश किया गया जहां लगभग 12 घंटे लंबी बहस के बाद इसे मंजूरी मिल गई। इस बिल के पक्ष में 128 वोट पड़े, जबकि 95 वोट बिल के विरोध में आए। वहीं लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 288 वोट पड़े, जबकि 232 सांसदों ने विरोध में मतदान किया। अब जब यह बिल राज्यसभा के साथ-साथ लोकसभा में भी पास हो गया है, तो अगला कदम राष्ट्रपति की मंजूरी है। इसके बाद यह कानून बनकर लागू हो जाएगा। गौरतलब है कि मोदी सरकार की तरफ से यह बिल वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन में सुधार के मकसद से लाया गया है, लेकिन इसे लेकर संसद के दोनों सदनों में सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी दलों के बीच जबरदस्त टकराव देखने को मिला।

जेडीयू ने बताया पसमांदा मुसलमानों के हक में फैसला:

राज्यसभा में बिल पर बहस के दौरान जेडीयू सांसद संजय कुमार झा ने कहा कि बिहार के 73% मुस्लिम आबादी में शामिल पसमांदा मुसलमानों को पहली बार वक्फ बोर्ड में प्रतिनिधित्व मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस बिल को लेकर मुसलमानों के बीच अफवाहें फैलाई जा रही थीं, लेकिन राज्यसभा में चर्चा के बाद स्थिति साफ हो गई। झा के मुताबिक, इस कानून के लागू होने से गरीब मुसलमानों के लिए सही मायनों में काम होगा।

देवेगौड़ा ने किया समर्थन बिल का समर्थन:

पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने राज्यसभा में इस बिल का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक मुस्लिम धार्मिक प्रथाओं से कोई छेड़छाड़ नहीं करता, बल्कि सिर्फ वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और राजस्व से जुड़ा है। देवेगौड़ा ने बताया कि भारत में वक्फ बोर्डों के पास 8.7 लाख संपत्तियां और 9.4 लाख एकड़ जमीन है, जिसकी अनुमानित कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये है, लेकिन इसे कुछ ताकतवर लोग अपने फायदे के लिए चला रहे थे।

अल्पसंख्यकों को परेशान करने के लिए लाया गया बिल:

मल्लिकार्जुन खरगे
बिल के पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने इस बिल का जबरदस्त विरोध करते हुए कहा कि यह अल्पसंख्यकों को परेशान करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि 1995 के वक्फ अधिनियम में कोई बदलाव नहीं किया गया था, तब बीजेपी को कोई दिक्कत नहीं थी। खड़गे ने कहा कि इस बिल में सर्वेक्षण आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्त को हटाकर कलेक्टर को जिम्मेदारी देना मुसलमानों के लिए नई मुश्किलें खड़ी करेगा।

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