पति के साथ जाने को तैयार नहीं हुई पत्नी, पति अपने साथ घर ले जाने की लगाता रहा गुहार, नहीं पसीजा पत्नी का दिल, बोली अब पति के साथ नहीं अपने माता-पिता के साथ रहूंगी उनके घर

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पति के साथ जाने को तैयार नहीं हुई पत्नी, पति अपने साथ घर ले जाने की लगाता रहा गुहार, नहीं पसीजा पत्नी का दिल, बोली अब पति के साथ नहीं अपने माता-पिता के साथ रहूंगी उनके घर

  • सुलह समझौता केन्द्र पर समझा-बुझाकर 5 परिवारों को मिलाया
    सम्भल/बहजोई। शनिवार को पुलिस परामर्श सुलह समझौता केन्द्र पुलिस लाइन मंडी समिति बहजोई में सेल प्रभारी निरीक्षक इंस्पेक्टर पूनम आनंद की देखरेख में पति-पत्नी के मध्य हुये आपसी विवादों को सुलह समझौते के आधार पर काउंसलरों द्वारा निस्तारण किया गया। जहां पांच पति-पत्नी के जोड़ों को काउंसलरों ने समझा-बुझाकर आपसी मतभेद खत्म कराकर उन्हें पुनः मिला दिया। वहीं सुलह समझौता होने के बाद उनके चहेरों अलग ही खुशी नजर आ रही थी।
    वहीं एक मामला ऐसा नजर आया जहां चन्दौसी रायसत्ती निवासी ज्योति ने अपने पति के साथ हुये मतभेद के चलते अपने ससुराल पक्ष के लोगों पर मारपीट व दहेज का आरोप लगाते हुए कोतवाली में 11 मार्च को प्रार्थना पत्र दिया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोतवाली प्रभारी द्वारा प्रार्थना पत्र को सुलह समझौता केन्द्र भेज दिया गया। जहां काउंसलरों द्वारा ज्योति व उसके पति सचिन निवासी चन्दौसी के मध्य सुलह कराने का काफी प्रयास किया गया। पति तो मान गया लेकिन उसकी पत्नी अपनी जिद पर अडी रही। जिसके बाद उसका पति उससे व उसके माता-पिता से माफी मांगते हुए अपने साथ घर ले जाने की गुहार लगाता रहा। पति द्वारा बार-बार प्रयास करने के बाद भी पत्नी का दिल नहीं पसीजा। सचिन की पत्नी ज्योति ने अपने माता-पिता के कहने से अपने पति के साथ जाने से साफ मना करा दिया और वहां मौजूद कांउसलर व संबंधित अधिकारियों से कहा कि वह अब अपने पति के घर नहीं जायेगी अपने माता-पिता के साथ उनके घर रहेगी। उसके द्वारा दिये गये शिकायती पत्र को बंद कर दिया।
    वहीं विधिक परामर्शदाता काउंसलर लव मोहन वार्ष्णेय एडवोकेट ने बताया हमारा पूरा प्रयास रहता है कि पति-पत्नी के मध्य हुये आपसी विवादों को सुलह समझौते के आधार पर गुणवत्तापूर्वक उनका निस्तारण किया जाये। हमारा कार्य पति-पत्नी के मध्य हुये विवादों को सुलझाकर उन्हें मिलाने का है न कि दोनों को अलग-अलग कराने का। इसके साथ ही 20 पत्रावलियों का निस्तारण किया गया 2 पत्रावली में विधिक कार्यवाही करने की संतुति की गई। 13 पत्रावलियों को न्यायालय में विचाराधीन होने अथवा आवेदक द्वारा बल न देने के कारण बंद की गई। इस दौरान काउंसलर अखिलेश अग्रवाल विधिक परामर्शदाता काउंसलर लव मोहन वार्ष्णेय एडवोकेट तथा काउंसलर बबीता शर्मा श्वेता गुप्ता कंचन माहेश्वरी तथा कांस्टेबल रश्मि गहलोत ज्योति, शहजाद मलिक, उषा, नीता सक्सेना आदि मौजूद रहे।
    संभल/चंदौसी से अखिलेश कुमार की रिपोर्ट

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