लखनऊ। विगत 22 अप्रैल को वाराणसी में अधिवक्ता पुत्र एवं इंटर के छात्र हेमंत पटेल की सत्ता का संरक्षण प्राप्त भाजपा नेता और उसके पुत्र द्वारा अपने विद्यालय परिसर में बुलाकर गोली मारकर हत्या कर दी गई।
चूंकि हत्या करने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेता, मुख्यमंत्री के स्वजातीय और सामंतवादी प्रभावशाली रसूख रखने वाले है, इसलिए पूरा पुलिस महकमा कमजोर साबित हो रहा है।
परिवारजनों व स्थानीय लोगों ने बताया कि ठोस कार्यवाही की बात कौन करें, पुलिसकर्मी अपराधियों में से पकड़े गए एक व्यक्ति के थाने से लेकर जेल दाखिल करने तक आवाभगत में लगी रही। इससे लोगों में काफी आक्रोश है।
Fir (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज करने में देरी और उसके बाद हेरा फेरी, मुकदमे में पुलिस द्वारा लगातार जानबूझकर कुछ लोगों को बचाने का प्रयास यह साबित करता है कि पूरा उत्तर प्रदेश चंद प्रभुत्वशाली एवं सामंतवादी शक्तियों के हाथ में चला गया है।
पिछड़े वर्ग के पटेल समाज के छात्र हेमंत पटेल की दुस्साहसिक हत्या और पूरे उत्तर प्रदेश में शोषित वंचित वर्ग के साथ हो रहे लगातार अपराधों की श्रृंखला यह साबित करती है कि भारतीय जनता पार्टी की योगी-मोदी सरकार घोर पिछड़ा दलित विरोधी है।
वाराणसी की घटना और इस तरह की घटनाओं से सरकार के चेहरे से नकाब हट गया है, और भाजपा सरकार की असली पिछड़ा एवं दलित विरोधी, सामंतवादी चेहरा उजागर हो गया है।
विधायक पल्लवी पटेल ने कहा कि ऐसी भाजपा सरकार का साथ देने वाले और पिछड़ों की रहनुमाई की भी बात करने वाले दोहरे चरित्र के अनेक सहयोगी दलों के झूठे विधवा विलाप को भी अब जनता समझ चुकी है।
हमने पहले भी सदन में कहा था और आज फिर कह रही हूं भाजपा की सामंती सत्ता की मलाई खा रहे पिछड़े वर्ग के सारे नेता पंगु हैं। यह सब भाजपा के साथ मिलकर न्याय और सम्मान की लड़ाई को कमजोर कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग और खासकर पटेल समाज पर हो रहे जुल्म ज्यादती अब किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। घटना के बाद से ही पूरा अपना दल कमेरावादी सड़कों पर उतरकर आंदोलनरत है। कल बड़ी संख्या में हमारे कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करके पांच मांगों को उठाया है।
अधिवक्ता पुत्र एवं छात्र हेमंत पटेल की हत्या, घटना के बाद एफ आई आर में देरी और हेराफेरी, और घटना में लीपापोती के साथ ही अन्य आरोपियों के बचाने की कोशिशों के खिलाफ लड़ाई सड़कों पर आर पार की होगी। और उत्तर प्रदेश के विधानसभा सदन में भी पुरजोर तरीके से आवाज उठाई जाएगी।
हम चेतावनी देना चाहते हैं कि सत्ता के दंभ में जाति देखकर हत्या और पक्षपातपूर्ण बुलडोजर की कार्यवाही को अब किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसका इसका अंत वृहद जन आंदोलन से कर दिया जाएगा। हम वाराणसी में स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय का घेराव करेंगे।
पिछड़ा और पटेल समाज सरकार के अहंकार में चूर इन सामंतवादी अपराधी शक्तियों को कभी भी माफ नहीं करेगी, अब इन्हें सत्ता से बाहर करने का समय आ गया है। पिछड़ा विरोधी सरकार को उखाड़ फेंकना है।

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