अविवादित वरासत प्रकरणों में लापरवाही पर जिलाधिकारी का कड़ा रुख, तीन लेखपालों के विरुद्ध की परिनिन्दा प्रविष्टि

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समयबद्ध निस्तारण में चूक पर लेखपालों को चेतावनी, भविष्य में होगी कठोर कार्यवाही

गोण्डा । जनपद में राजस्व कार्यों की पारदर्शिता एवं समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करने हेतु जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा द्वारा सतत रूप से समीक्षा की जा रही है। इसी क्रम में अविवादित वरासत से संबंधित आवेदनपत्रों के निस्तारण में अनावश्यक विलंब एवं गंभीर लापरवाही बरतने पर तीन लेखपालों के विरुद्ध मध्यावधि विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि (परिनिन्दा) की कार्यवाही की गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, लेखपाल श्री जय प्रकाश वर्मा (क्षेत्र-सिंहवापुर, तहसील-सदर), श्री केशव चरन लाल (क्षेत्र-सीर बनकट) एवं श्री राज कुमार पाण्डेय (क्षेत्र-पकवान गांव, तहसील-तरबगंज) द्वारा दिनांक 29.04.2025 तक पोर्टल पर प्रदर्शित स्थिति के अनुसार नियत समयावधि के उपरांत भी आवेदन पत्र लंबित रखे गये, जो स्पष्टतः धारा-33, उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता के अंतर्गत गंभीर लापरवाही का द्योतक है।

जिलाधिकारी द्वारा जारी आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि अविवादित वरासत के आवेदनपत्रों का नियत समय में निस्तारण शासन तथा मा० राजस्व परिषद द्वारा अत्यन्त संवेदनशीलता से लिया जाता है और उच्चस्तरीय पर्यवेक्षण में इसकी नियमित समीक्षा की जाती है। लेखपालों द्वारा की गई लापरवाही से न केवल प्रशासनिक निर्देशों की अवहेलना हुई, अपितु जनपद की छवि को भी आघात पहुँचा है।

उक्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए जिलाधिकारी ने लेखपालों के विरुद्ध ‘परिनिन्दा’ की प्रविष्टि की है एवं उन्हें कड़े शब्दों में आगाह किया है कि भविष्य में यदि ऐसी पुनरावृत्ति पाई गई तो कठोर दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

तहसीलदारों को निर्देशित किया गया है कि वे उक्त आदेश की प्रतिलिपि सम्बन्धित लेखपालों को उपलब्ध कराकर इसकी अंकना सेवा अभिलेखों में सुनिश्चित करें तथा तीन दिवस के भीतर तामिला रिपोर्ट सहित अनुपालन आख्या उपलब्ध करायें। साथ ही, उपजिलाधिकारी एवं मुख्य राजस्व अधिकारी को भी आवश्यक कार्यवाही हेतु सूचित किया गया है।

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