हरदोई। बेनीगंज थाना क्षेत्र के गेरई गांव निवासी संतोष की पुत्री मोनिका उर्फ अदिक्षित देवी (13) का शव गांव से कुछ दूरी पर 27 मई को दुपट्टे के फंदे लटका मिला था पिता ने हत्या की आशंका जताते हुए थाने में तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। मृतका के पिता ने न्यायालय के माध्यम से 27 जुलाई को 6 आरोपियों के खिलाफ थाने में रिपोर्ट लिखवाई। पुलिस ने अपनी जांच में मौत हो आत्महत्या मान कर फाइल बंद कर दी। फिर पिता ने बीते 20 जनवरी को पुलिस महानिदेशक के माध्यम से दोबारा जांच की मांग की। फिर पुलिस महानिदेशक ने एसपी को जांच के आदेश दिए। जांच के बाद 26 अप्रैल को डीएम ने मृतका का शव खुदवाकर दोबारा पोस्टमार्टम करने के आदेश दिए। पुलिस ने 3 मई को शव खोदवाकर दोबारा पोस्टमार्टम के लिए भेजा, लेकिन यहां चिकित्सक ने कंकाल एक साल पुराना होने आधुनिक जांच न हो पाने की बात कहकर लखनऊ में पोस्टमार्टम कराने के लिए पत्र लिख दिया। फिर पुलिस लखनऊ कंकाल लखनऊ ले गई। लेकिन वहां भी पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। कंकाल पुलिस वापस ले आई। पुलिस और मुख्य चिकित्सा चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के बीच पिता बिटिया को न्याय दिलाने के लिए भटक रहा है।

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