राघव सर्वधर्म सामाजिक संगठन के तत्वाधान में सीकरी गेट स्थित दिनेश पाल सिंह दिलकश के आवास पर राघव सर्वधर्म सामाजिक संगठन के बैनर तले राजमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300 वीं जयन्ती मनाई गई। गोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि (पश्चिम उत्तर प्रदेश भारतीय किसान यूनियन टिकैत) के प्रदेश प्रमुख बिजेंद्र सिंह यादव,विशिष्ट अतिथि राघव सर्वधर्म सामाजिक संगठन के अध्यक्ष नरेश राघव एवम मुख्य वक्ता समाजसेवी डॉ. टी.एस.पाल ने अहिल्याबाई होल्कर एवम माँ शारदे के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित एवम पुष्पार्चन के साथ किया ।
मुख्य अतिथि बिजेंद्र सिंह यादव ने कहा महापुरुषों की प्रेरणा एवम उनके आदर्श हमें आगे बढने की मददगार साबित होते है।काव्य के माध्यम से जो उदगार आप लोगो के निकले है उनकी जितनी तारीफ की जाए कम है।
मुख्य वक्ता डॉ टी.एस.पाल ने कहा अहिल्याबाई होलकर ने अनेको जनहित के कार्य किये जिनमें मंदिर निर्माण, सामाजिक कल्याण और सुशासन शामिल हैं। उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया, घाटों और कुओं का निर्माण करवाया, और शिक्षा व व्यापार को बढ़ावा दिया।उन्होंने नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया।
वीर रस के कवि सुखपाल सिंह ‘गौर” ने पढ़ा “साथ चलते हैं तो वह साथ साथ चलते हैं ’साथ पाकर हम मन ही मन उछलते हैं साथ न हो करके भी साथ देते हैं वह मेरा’हमने देखा है वह करवट नहीं बदलते हैं।।
दिनेश पाल सिंह “दिलकश’ ने सुनाया “आजकल दिल से लोग क्यूं मिलते नहीं,प्यार में प्यार से क्यूं लोग मिलते नहीं,मिलते तो हैं बहुत से लोग आज भी संसार में ,पर आप जैसे लोग संसार में मिलते नही’।
एल.के. विकास मिश्रा एड.ने पढ़ा
‘स्वयं की कैद से परे अलग ठिकाना चाहता है।देखो दिल हमारा है,पास तुम्हारे जाना चाहता है।वीके त्रिपाठी ‘विकट’ ने पढ़ा ‘ए समंदर मेरी बात पर तू ज़रा गौर कर,अगर मुझे डुबोना हो तो कोशिशें कुछ और कर’
अमित यादव श्याम ने पढ़ा “अगर करनी है नौका पार तो पतवार को पकड़ों,जीवन को समझना है तो शिव द्वार को पकडो,नही कर पाओगे भव पार विना गुरु की कृपा के तुम,पिता के पैर छूकर के जीवन आधार को पकडो।
कवयित्री शांति राणा “शांति” ने सुनाया
बन्दगी कर्मो की मोहताज नही होती है।ईश्वर की लाठी में आवाज नही होती है।कितना भी रूठ जाये ये खुद गर्ज जमाने वाले ।बस मेरी मां है जो नाराज नही होती है।
डॉ जयशंकर दुबे ने पढ़ा
संगठन के अध्यक्ष नरेश राघव ने उपस्थित अतिथि एवम कविगणों का आभार व्यक्त किया।
गोष्ठी की अध्यक्षता कानूनगो कवि सुखपाल सिंह “गौर” ने तथा संचालन संचालन कवि विकास मिश्र एड.ने किया।इस दौरान नीलेन्द्र सिंह,जादौन,गीता सिंह,सुदेशपाल सिंह,अमित प्रताप सिंह,कवींद्र गौड़,दिव्यांशी तोमर,प्रदीप कुमार चौहान उपस्थित रहे।

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