लठामार होली हुरियारिनो बरसाई प्रेम भरी लाठियां

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लठामार होली _ हुरियारिनो बरसाई प्रेम भरी लाठियां
नंदगांव _बरसाना से आए हुरियारो को यशोदा कुंड पर रोका जाता है वहा उनकी बादाम केसर युक्त ठंडाई से खातिर दारी की जाती है हुरियारे मस्त होकर रंगीली गालियों से हाशि मज़ाक करते नंद भवन पहुच कर कन्हैया से होली खेलने की अनुमति मांगते हैं
हो हो होरी हो हो होरी इस प्रकार हसी करते हुये जाते हैं
रंग बरसे होरी रे रसिया बरजोरि रे रसिया आज बृज मै होरी रे रसिया के स्वरों के बीच रविवार को नंदगांव की गली में हुरियारे और हुरियारिनो के बीच द्रापर युगीन लठामार होली का अद्भुत नजारा देखने को लाखो श्रद्धालु प्रफुल्लित हो उठे यहा नंदगांव की हुरियारिनो ने बरसाने के हुरियारो को प्रेम भरी ठिठोलिया से परास्त कर दिया विश्व प्रसिद्ध लठामार होली को लेकर नंदगांव मै आस्था का एसा प्रेम उमड़ा हर कोई को न जाने कितनी खुशिया मिल गई हो नंद भवन मंदिर और नंदगांव की रंगीली गली आक्रषण का केंद्र बना रहा मंदिर मै रंग मै केसर युक्त अबीर गुलाल के बीच टेशू के फ़ूलों से बनाया गया रंग की होली मै आए भक्त स्वम को हुरियारे और हुरियारिनो को भगवान का स्वरूप मानकर खुद ही नाचने लगे

बरसाने से आए राधा रानी के भाई बनके उन्होंने वो ही भूमिका निभाई जेसे सादी के बाद अपनी बहिन को लेने के लिए भाई आते हैं उनकी उसी प्रकार खातिर दारी की जाती है
(रंगोत्सव)
नंदगांव की गालियों मै गेदा के फ़ूलों से से बिछाकर उनका स्वागत किया टेशू के फ़ूलों से बनाया गया रंग बरसाया गया
अबीर गुलाल सात लाख से अधिक झूमे श्रद्धालु
विश्वविख्यात लठामार होली बरसा प्रेम रस भक्तों मै भारी श्रद्धा भक्ति मै जबरदस्त उमंग
नंदगांव की लठामार होली देखने के लिये यहा आये रविवार को इस कदर भक्ति मै उमड़ा चप्पे-चप्पे पर श्रद्धालु नजर आए खासकर यशोदा कुंड मैन बाजर नंदबैठक हाथरस वाला चौक मकानों के छतो मंदिर की गालियों मै भीड़ अडी रही बरसाने से आये हर किसी के हाथ में अबीर गुलाल की पोटली और हाथो मै छोटी पिचकारियाँ पल पल मै गुलाल रंग की बोछार हर किसी को उत्साह कर रही थी शाम करीब 4 बजे नंद बाबा मंदिर सीढ़ियों से पटकाओ की आवाज़ सुनाई देनी लगी इस से रंगीली गली ही नहीं इधर उधर से आये श्रद्धालु न जाने कौनसा तूफान आने लगा सभी उनको देखने के लिए रास्तो मै अड़ गए हुरियारो का झंडा नंद लाला का आशीर्वाद लेने मंदिर में प्रवेश कर गए इसके साथ ही ढप मृदंग झांझ मजीरा की ध्वनि के साथ होरी के पद गुजने लगे अबीर गुलाल की न्यौछावर होनी लगी
नंदगांव की होली बरसाने क्यों हो रहा होने पर दोहे छंद कविता रसिया गायन से एक दूसरे पर व्यंग कसने शुरू कर दिए गायन शैली से सवाल-जवाब में हुए तो हंसी टटोला भी हुए
झंडा का मह्त्व
जब तक झंडे को लेके रंगीली चौक मैं हुरियारीओ की परिक्रमा देके तब उनकी बाय फड़फड़ाने लगी हुरियारीओ की लाठियों की पकड़ मजबूत और प्रहार करने को तैयार हो गई हो हुरियारियो के तेवर देखते हैं और उन्होंने खुद को संभाला बचाव के लिए हाथ में लगी ढाल को मजबूत से पकड़ा और हुरियारियो के सामने आने लगे यह देख रंगीली मौजूद देश-विदेश श्रद्धालु रोमांचित हो उठे पुलिसकर्मी ने खुद को बचाने के लिए इधर-उधर होने लगे बस फिर था कि पलक झपकते ही अंगारों पर टूट पड़ी हो उनके हुरियारो को घेरना शुरू कर दिया ताकतवर हुरियारो खुद को मुश्किल में फंसा महसूस करने लगे ढाल को सिर पर रखकर कुछ ही कुछ वहीं बैठ गए तो कुछ इधर-उधर होने लगे हुरियारी उछल उछल कर प्रहार करती रही ऐसे में उड़ा रे छोरा रे ताल दिखाते हट जाते हो दूसरों को ले लेती शाम 4:00 से 6:00 बजे तक यह नजारा
इसके बाद रंगीली गली रंगीली चौक पर मंदिर की ओर बढ़े तो उनका झंडा छीन लिया उनको अपनी हार स्वीकार करनी होली खेलने के बाद फ़ेर दुबारा कन्हैया से बरसाना जाने की अनुमति मांगते हुए भगवान को माथा टेकते है आयोजन स्थल पर एकत्र होकर रसिया गायक गोस्वामी समाज ने होली की चौपाई निकालकर समारोह में चार चांद लगाए इसके बाद सिर पर पगड़ी बांधकर हाथ गुलाल पिचकारी लेकर हो हो री करते जाते हैं शंकर भगवान की पहाड़ी पर विराजमान कृष्ण कन्हैया के दर्शन दर्शन पाकर अपने जीवन को धन्य करते हैं पद गाते हुए रंगीली चौक पर पहुंचे जाते हैं पर बरसाने राधा रानी के भेजे ग्वाल सखओ ने पद गाये
नंद गांव की रंगीली गली एक बार फिर द्वापर युग की लीला की साक्षी बनी
बरसाने से आये शखाओं ने वाद्य यंत्रों की धुन पर रंग गुलाल की बारिश करते हो री को बुलाए हैं का निमंत्रण देते हुए नंदलाला के जयकारे लगाते हुए श्रीधाम नंद गांव में धूम मचाई इन हुरियारे
की अठखेलियां का जवाब ब्रिज बालाओं ने अपनी लाठियों से दिया फाग लीला की परंपरा को जीवित करते हुए बरसाने वृषभानु की दुलारी ने भेजे ग्वाल वाल गाते बजाते ठिठोलिया करते राधा रानी की जय बोलते बरसाने वाली की जय करो की गूंज करते हुए आए और रंगीली गली अबीर गुलाल टेसू के रंग उड़ाती होली के बुलाए का नारा लगाते शाम 6 बजे नंद बाबा मंदिर में समाज गायन समाप्ति की घोषणा के बाद रंगीली तड़पता हाट से गुजरने लगा बीच-बीच में होली खेले की बात में खड़े अन्य हुरियारे के रसिया कोई कोई भला बुरा मत मानो आज ब्रज मै होली खेलने नंद गांव आए हैं बरसाने से आये ग्वाल वाल ने हार स्वीकार कर माफी मांगने लगे तो हश कर गोपियों ने कहने लगी वृषभान के यहा से आये दुलारे हो फिर होली खेलने का मौका देंगे नई

दुल्हन ने भी होली का आनंद लिया

पहली बार होली खेलने के लिए हुरियारिनो ने मैदान में उतरी इन को पुरानी खिलाड हुरियारिने हिन्ट देकर ट्रेन्ड कर दिया था ताकि वो हार न मान सके शुरू कर दिया था कि उनकी लाठी पकड़ने से लेकर करारे प्रहार करने की टिप्स तक दिए गए नए हुरियारिने लाठियां के चलाते-चलाते हार जाती तो उनका बार-बार रुकना भी पढ़ रहा था
अनुभवी हुरियारिने ने दिखाया अपना अनुभव

अनुभवों के हाथ चमकाए लट्ठमार होली के दौरान अधिक उम्र की हुरियारिने नेहोली खेलने के दम साफ दिखाई दिया उम्र उम्र काफी थी परंतु तजुर्बा पुराना था लाठी चलाकर नई हुरियारिने कोसोचने पर मजबूर कर दिया यही नहीं और आगे भी इन अनुभवी और दोनों के सामने आने से कतरा ने लगे
बरसाने से आए ग्वाल वालों ने नंद गांव की गोपियों से आशीर्वाद लिया नंद गांव की ब्रज में मान्यता है कि जो गोपियां हो जिसके सिर पर लाठी कसकर मार देती वह अत्यंत सौभाग्यशाली माना जाता था यहां लट्ठमार होली के दौरान श्रद्धालुओं ने चरनो से आग्रह पूर्वक अपने सर पर लाठी स्पर्श कराते नजर आए श्रद्धालुओं ने और गोपि के चरण स्पर्श करने के रूप में भी रुपए अथवा उपहार देकर आशीर्वाद लेते दिखे ऐसे में हंसी टटोला का रिश्ता रखने वाली भी इससे पीछे नहीं रहे
बरसाने से आए लाखों श्रद्धालुओं का सैलाब बार-बार रोमांचित हो उठता था अबीर गुलाल ओं को बेशुमार वर्षा और जन सैलाब के बीच अबीर गुलाल उड़ाने वालो की कोइ कमी नहीं थी न जाने इसे दिखते थे जेसे हीरो से कम नहीं लग रहे थे आम हो या खास कस्बे का प्रत्येक ब्राह्मण परिवार की बहू ने हुरियारिने ने अपने हाथों में लाठी थामे हुए निकलती तो सभी दूर खड़े हो जाते थे सिर्फ महिला से ही ना सखियों नेसोलह सिंगार से सजी धजी यह हो रही हूं जब हाथ में लाठी थामने के लिए तो इनके तेवर से हर किसी को डर लगता
मन मोहक दृश्य नंद भवन
लठामार होरी मै नव वधू हो या पुरानी विवाहित सब सज धज कर अपनी परम्परागत और उपलब्ध सुविधाओ से सोलह सिंगार कर ये हुरियारिने होली खेलने के लिए लिय आतुर हो रही है
फूल महोत्सव
लगभग डेड हजार हुरियारे ने होरी खेली 22 कुंतल फूल और 5 कुंतल गुलाल से सुहागत किया
धन्य हो गए बरसाने वालो के साथ आए गए अतिथि उनके मुख से निकले स्वर जो रंग बरस रहा नंदगांव मै वो रंग तीन लॉक मै नाय जय नंद के लाला की बोल कर चरणों की धूल को मस्तक पर लगा कर और आँखों मै आशु लेकर अर्जी लगाकर प्रार्थना की हम भी अगले जन्म में यहि जन्म ले आस्था को लेकर चले गए
जय
नन्ने हुरियारे
राधा के ससुराल वालो ने बरसाने से आए उनके भाई स्वरुप उनके भतीजे जो पहली बार नंदगांव आए उन्होंने अपने जीवन को धन्य कर डाला जो नन्नी सी ढालो से नई नवेली सखियों से होली खेलीं
सूर्य देव ने अपनी तेज धूप से रंग बरसने से ठंड का एहसास न हो वो भी सम्मलित हो गए
होली को देखकर पवन देव ने भी अपनी शीतल हवा ओ से बरसाने से आए राधा के भाई रूपी सखाओ को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया वो नन्द के लाला की जय बोलते हुए निकल गए

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