हरदोई पिहानी क्षेत्र में अवैध खनन की गंभीर शिकायत, शीघ्र कठोर कार्रवाई की मांग

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उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के पिहानी क्षेत्र स्थित शारदा नहर में लगातार हो रहे अवैध खनन की गंभीर शिकायतें सामने आई हैं। विशेष रूप से हरैया पुल के पास शारदा नहर में अवैध खनन की गतिविधियाँ दिनोंदिन तेज होती जा रही

इससे पहले भी कई बार इस अवैध खनन को लेकर मीडिया में खबरें आईं, लेकिन इन शिकायतों के बावजूद कोई ठोस और स्थायी कार्रवाई नहीं की गई है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, अब यह अवैध खनन और भी संगठित रूप में माफिया तत्वों द्वारा संचालित हो रहा है। हाल ही में जब इस मामले को लेकर मीडिया में खबरें आईं, तो खनन को छिपाने के लिए शारदा नहर में पानी छोड़ दिया गया, ताकि जाँच से बचा जा सके। हालांकि, जैसे ही पानी कम हुआ, खनन कार्य फिर से शुरू कर दिया गया, जो यह दर्शाता है कि स्थानीय माफियाओं और कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के बीच मिलीभगत है।
इस अवैध खनन से होने वाली समस्याएं निम्नलिखित हैं :
पर्यावरणीय क्षति: नहर की दिशा बदलने और तटबंधों के क्षरण से आसपास के खेतों और प्राकृतिक तंत्र को गंभीर नुकसान हो सकता है।
ग्रामवासियों पर खतरा: आगामी मानसून में नहर के किनारे बसे गांवों में कटान की संभावना है, जिससे मकानों के गिरने, बच्चों के डूबने, जानवरों की मृत्यु और गंभीर जीवन संकट उत्पन्न हो सकते हैं।
कानूनी उल्लंघन: जिला अधिकारी के आदेश के बावजूद इस क्षेत्र में खनन प्रतिबंधित है, लेकिन यह कार्य अवैध रूप से चल रहा है।
प्रशासनिक निष्क्रियता: जब मौके पर पहुँचे अधिकारियों ने खनन कार्य को रोकने की कोशिश की, तो मशीन चालकों ने कोई वैध दस्तावेज नहीं दिखाया और मौके से फरार हो गए। इसके अलावा, डंपरों पर नंबर प्लेट भी नहीं लगी थी, जो मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन है।
यह स्थिति केवल खनन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जन सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और कानून व्यवस्था के लिए एक गंभीर खतरा बन चुकी है।
मांगें:
इस अवैध खनन की उच्चस्तरीय जाँच कराई जाए।
दोषी खनन माफियाओं, मशीन मालिकों और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
मौके पर नियमित निरीक्षण हेतु एक स्वतंत्र निगरानी समिति गठित की जाए।
ग्रामवासियों की सुरक्षा के लिए नहर किनारे सुरक्षा तटबंध बनवाए जाएं।
इस प्रकार के अवैध खनन पर स्थायी रूप से रोक लगाने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।
यह स्थिति अब सैकड़ों ग्रामवासियों की जान-माल के लिए खतरे का कारण बन चुकी है। प्रशासन से अपेक्षाएँ हैं कि शीघ्र और निष्पक्ष कार्रवाई की जाए ताकि इस संकट से निपटा जा सके।

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