नई दिल्लीः पहलगाम में हुए आतंकी हमले और इसके जवाब में भारत द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात बन गये थे. सीमा पर दोनों तरफ से गोलीबारी हुई थी. सीजफायर के बाद शांति बहाल हो रही है. अब भारत सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद किये गये ‘ऑपरेश सिंदूर’ पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है.
सांसदों के कुछ डेलिगेट संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका, कतर और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों की यात्रा करेंगे. प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में 5 से 6 सांसद शामिल होंगे. इसमें एनडीए के अलावा विपक्षी पार्टियों के सांसद भी रहेंगे. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू सांसदों के विदेश दौरों का समन्वय करेंगे. सूत्रों के अनुसार सांसदों की यह यात्रा 22 मई, 2025 के बाद शुरू हो सकती है.
सांसद का प्रतिनिधिमंडल जिन देशों का दौरा करेंगे वहां के नेतृत्व और अधिकारियों को भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों और क्षेत्रीय स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता के बारे में जानकारी देंगे. अभी तक जिन सांसदों के नाम सामने आए हैं उनमें समिक भट्टाचार्य, अनुराग ठाकुर, मनीष तिवारी, अमर सिंह, प्रियंका चतुर्वेदी, संबित पात्रा, सुप्रिया सुले, श्रीकांत शिंदे, शशि थरूर और डी पुरंदेश्वरी.
वरिष्ठ सांसदों को इन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई है. सांसदों को निमंत्रण पहले ही भेजे जा चुके हैं, ताकि वे इन अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल में भाग लेने के लिए तैयार रहें. यह पहली बार नहीं है जब भारत ने इस तरह की कूटनीतिक पहल की हो. इससे पहले, नरसिंह राव सरकार ने कश्मीर मुद्दे पर भारत का पक्ष रखने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र भेजा था.
बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर राजनीतिक नेताओं को स्थिति से अवगत कराया था. विपक्ष ने भी सरकार के कदमों का समर्थन किया था. इसके अलावा, भारत ने कई देशों के शीर्ष अधिकारियों और विदेश मंत्रियों से बातचीत कर अंतरराष्ट्रीय समर्थन भी हासिल की थी. अब सर्वदलीय सांसदों के इन विदेशी दौरों के जरिए भारत सरकार का उद्देश्य अपनी नीतियों और आतंकवाद के खिलाफ कठोर रुख को और स्पष्ट करना है.
सीमा पर तनाव क्यों बढ़ा
22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने दोनों देशों के बीच तनाव को युद्ध स्तर तक पहुंचा दिया था. भारत ने सीधे तौर पर इस हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराया है, जिसके जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले कर लगभग 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूत भी किया.
पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में भारतीय शहरों पर ड्रोन हमले की कोशिश की. लगभग चार दिनों तक युद्ध जैसी स्थिति बनी रही. 10 मई, 2025 को दोनों देशों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के बीच चर्चा के बाद तनाव कम करने के लिए एक समझौता हुआ, जिसमें तत्काल प्रभाव से गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी. विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी घोषणा भी की.

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