कस्बा के पथवारी मंदिर एवं प्रेम पाठशाला में चल रहे श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के तृतीय दिवस पर मनु शतरुपा एवं बामन भगवान की कथा सुनाई गई। पथवारी पर आयोजित कथा में व्यास हरिओम गोस्वामी ने भगवान वामन अवतार की प्रेरणादायक कथा का भावपूर्ण वर्णन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वामन अवतार न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जीवन में विनम्रता, बुद्धिमत्ता और समर्पण जैसे गुणों का संदेश भी देता है। उन्होंने कहा कि राजा बलि महान दानी और भक्त था, लेकिन जब उसमें अहंकार आ गया, तब भगवान विष्णु ने वामन रूप में आकर उसे सिखाया कि अहंकार का अंत निश्चित होता है। पाठशाला पर आयोजित कथा में व्यास बलराम गोस्वामी ने बताया कि वामन भगवान ने छोटे ब्राह्मण का रूप लेकर बलि से तीन पग भूमि मांगी, और फिर एक पग में पृथ्वी, दूसरे में आकाश और तीसरे में राजा बलि को ही ले लिया। कथा व्यास ने इसे समर्पण की पराकाष्ठा बताते हुए कहा कि जब हम स्वयं को ईश्वर को अर्पित कर देते हैं, तभी सच्चे भक्त बनते हैं।
इस अवसर पर बाबा वैष्णवदास, जयरामदास, लक्ष्मणदास, मोहनदास, प्रमोद शास्त्री, प्रेमदास, प्रेम गोस्वामी सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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