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हरदोई: जिले में ग्राम पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। जिलाधिकारी अनुनय झा ने हरपालपुर और सांडी विकास खंड की दो ग्राम पंचायतों के प्रधानों के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए हैं। हरपालपुर क्षेत्र की #धनियामऊ ग्राम पंचायत के प्रधान पर कई संगीन आरोप सामने आए हैं। आरोप है कि ग्राम प्रधान ने एजेंडा रजिस्टर में पंचायत सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर दर्ज कराए, ग्राम निधि का दुरुपयोग किया और विकास कार्यों में अनियमितताएं बरतीं। इतना ही नहीं, अपात्र व्यक्तियों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने और मनरेगा मजदूरी के नाम पर फर्जी भुगतान करने की बात भी सामने आई है। इस पूरे मामले की जांच जिलाधिकारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को सौंपी है।
शौचालय घोटाले का आरोप:
वहीं सांडी विकास खंड की म्योढ़ा ग्राम पंचायत के प्रधान पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। शिकायतों के अनुसार प्रधान ने अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जॉब कार्ड जारी कराए, भाई की पत्नी को मेट नियुक्त किया और पंचायत के केयर टेकर को मानदेय से वंचित रखा। सबसे चौंकाने वाला आरोप यह है कि 69 शौचालय लाभार्थियों से जबरन 6-6 हजार रुपये की वसूली की गई। इस प्रकरण की जांच का जिम्मा जिलाधिकारी ने जिला ग्रामोद्योग अधिकारी को सौंपा है।
जिलाधिकारी अनुनय झा ने संबंधित ग्राम पंचायत सचिव, खंड विकास अधिकारी और सहायक अभियंता को निर्देश दिए हैं कि वे जांच अधिकारियों को सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराएं और पूरी जांच प्रक्रिया में सहयोग सुनिश्चित करें। प्रशासन की इस कार्रवाई से ग्रामीण स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूत संदेश गया है।

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