अखिलेश कुमार संवाददाता संभल
कवि सम्मेलन ग्रुप चंदौसी के तत्वावधान में आज आर.एस. इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य दिनेश पाल सिंह दिलकश के निवास पर होली महोत्सव एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें सर्वप्रथम सुखपाल सिंह गौर, मुकेश दीक्षित एवं दिनेश पाल सिंह दिलकश ने सरस्वती मां के समक्ष दीप प्रज्वलितकिया। तत्पश्चात ग्रुप एडमिन करुण रस की करुण की करुण कवयित्री श्रीमती शिखा राम रावत बुलबुल ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।
जय जय जय मां सरस्वती ’
ज्ञान ध्यान विद्या की देवी।
सबमें गुण भरती ”
जय जय जय मां सरस्वती।।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे चंदौसी के कवि बेसिक शिक्षा विभाग के सहायक अध्यापक एवं मास्टर ट्रेनर श्री मुकेश दीक्षित ने अपना मनमोहक भजन प्रस्तुत करते हुए होली का संदेश इस प्रकार से दिया।
होरी खेलत कृष्ण कन्हाई
ढूँढत फिरत यशोदा माई।
देखी जब बरसाने वारी
चूनर भीगी बाकी सारी।
बदायूं के वरिष्ठ कवि चकबंदी कर्ता कानूनगो श्री सुखपाल सिंह गौर ने होली के संदर्भ मेंआतमिक संदेश देते हुए कहा कि…
अपने बुजुर्गों के संग हम रंग रंग खेलेंगे ’
लगा चरणों में रंग आशीर्वाद ले लेंगे।
उनके हृदय को सेवा से प्रफुल्लित करके ”
हम उनकी चाह को हजार बार ले लेंगे।।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए आर0 एस0 इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य श्री दिनेश पाल सिंह दिलकश ने
चांद तारों का दिल तुम नहीं तोड़ना ’
अपने घर की खिड़कियाँ खुली छोड़ना ।
या तो आएंगे हम या बुलाएंगे हम ’
इस तरह आज होली मनाएंगे हम ।।
ग्रुप लीडर एल0 के0..विकाश मिश्रा एडवोकेट ने अपनी शेरों शायरी पढ़ते हुए शमां बांध दिया और फरमाया कि….
बंदिशों में रहा एक शख्स ताउम्र,
ख्वाब खुद से आज़ाद होने का लिए।
हर वर्ष जलेगी ये होली ,मैं ईर्ष्या कब जलाऊंगा।
चंदौसी के लोकप्रिय कवि राजस्व लेखपाल श्री ज्ञान सिंह प्रीतकर ने कुछ यूं कहा
भीग कर इन रंगों में ,मैं कब मानवीय रंग पाऊंगा।।
मैंने तिनका तिनका खोई है ये मधुर सी जिंदगी।
यूं ही चली जाती होली मैं ईश्वर को कब पाऊंगा।।
युवा कवि अमित यादव ’श्याम’ ने अपनी रचनाओं से सभी को मनमोहक संदेश देते हुए कहा
राम कृपा ते नर तन पायो, मिलती दया सदैव नही है ।
हरि के प्यारे वे जन होते, जिनके दिल में फरेव नही है ।
अग जग याद उन्ही को करता, जिनके मनमे ऐव नही है ।
क्या ले जायेगा इस जग से, कफन में तेरे जेब नही है ।।
चंदौसी की लाडली बेटी शिवानी दीक्षित महक ने कहा
घर-घर बने गुजिया और बने रंगोली।
बच्चे, बड़े सब मिलकर खेलें होली।
सबके मन को भाती होली।
आई होली, आई होली।।
ओज की युवा कवयित्री पंडित हिमांशी शर्मा देशभक्त ने
होली केवल त्यौहार नहीं ये प्रेम प्रीत का संगम है
दहन होलिका होने पर समाप्त होती सब अनबन है ।
लोगों को गले लगाने का एक दूजे से रंग जाने का ये पावन अवसर आया है
बेशक मिल ना पाए सभी पर हृदय से रंग लगाया है।।
खटीमा उत्तराखंड से पधारी करुण रस की कवयित्री श्रीमती शान्ति राना शान्ति ने कहा
भर के शुभ रंग दिल में हम जो घर से चले ’
दुश्मनो से भी गले इस तरह से मिले।
प्यार ही प्यार हो गर नफरतो की जगह पर दोस्तो ”
मिला दे रंग जो प्यार का फूल फिर से खिलें।।
चंदौसी का गौरव युवा कवयित्री कु0 सौम्या यादव ’सौम्य’ ने अपने अंदाज में पढ़ते हुए कहा
मोहे भाए प्रेम रंग, प्रीत रंग, मीत संग
मोहे दीजो राधा रंग, कृष्ण रंग, गीत संग।
गौर तलब है कि अध्यक्षता कर रहे मुकेश दीक्षित ने कार्यक्रम के लिए सभी को बधाई दी। संचालन प्रधानाचार्य श्री दिनेश पाल सिंह दिलकश ने किया। उपस्थित श्रोताओं ने अपना आशीर्वाद दिया और कार्यक्रम की अत्यधिक सराहना की। अंत में होली खेल कर व मिष्ठान पाकर होली महोत्सव मनाया गया।
अंत में अध्यापक नीलेंद्र सिंह ब सत्यपाल सिंह ने भी काव्य पाठ करके बाह वाही प्राप्त की।


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