श्री नारायण सेवा समिति (रजि.) के तत्वावधान में विश्व जल दिवस के अवसर पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन

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ब्रजनगर स्थित भोलेनाथ भवन में किया गया जिसमें वक्ताओं ने जल से संबंधित अपने विचारों का आदान-प्रदान किया । कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए समिति के अध्यक्ष सुभाष वार्ष्णेय भोलेनाथ ने कहा कि विश्व जल दिवस 1993 से हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है जिसमें जल के सदुपयोग की सलाह दी जाती है । संरक्षक के. जी. गुप्ता ने कहा कि विश्व जल दिवस मनाने का मकसद लोगों को स्वच्छ पानी के महत्व और इसकी कमी से निपटने के लिए प्रोत्साहित करना है । समिति प्रबंधक हरीश कठेरिया एडवोकेट ने बताया कि पानी की कमी प्रदूषण और अत्यधिक दोहन जैसी चुनौतियों से हमारा जीवन संकट में पड़ सकता है, जल बचत के लिए समिति की प्रेरणा से हर साल सैकड़ो घरेलू वाटर टैंकों पर वॉटर ओवरफ्लो अलार्म लगवाए गए हैं । विपिन बालाजी ने कहा कि पानी एक मूलभूत साधन है जिससे जीवन चलता है ।डॉ. जयशंकर दुबे ने कहा कि विश्व जल दिवस मनाने का मकसद पानी की बर्बादी को रोकने और लोगों को इसका महत्व समझाना भी है । ने कहा कि वर्ष 2025 में विश्व जल दिवस का नारा है “पानी नहीं, जीवन नहीं ।”
इसके पश्चात् सभी आगंतुकों को हरीश कठेरिया ने जल संरक्षण, जल सदुपयोग तथा जल संचयन की शपथ दिलाई । इस मौके पर डॉ. डी. के. अग्निहोत्री, नितेश उपाध्याय, तथा मुकुंद अग्रवाल ने भी विचार व्यक्त किए ।
इस अवसर पर जल से संबंधित अनेक नारे–जल है तो कल है, जल ही जीवन है, जल बचाओ – धरती बचाओ, जल संरक्षण – कल का जीवन, जल की रक्षा – जीवन रक्षा, जल बचाओ – ग्रह बचाओ, जल ही जीवन का आधार, आदि का प्रयोग कर जनसामान्य को जागरूक करने की प्रेरणा दी गई ।
संभल/चंदौसी से अखिलेश कुमार की रिपोर्ट

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