यूपी में रह रहे 1800 पाकिस्तानी खुद कर रहे हैं वापसी

1 min read

लखनऊ।जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने आतंक के आका पाकिस्तान के खिलाफ एक के बाद एक कड़ी कार्रवाई की है। भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को जारी वीजा को रद्द कर दिया है और उन्हें भारत छोड़ने का आदेश जारी किया है। वाघा सीमा पर बड़ी संख्या में पाकिस्तानी नागरिक वापस लौटते हुए दिखाई दे रहे हैं।उत्तर प्रदेश में लगभग 1800 पाकिस्तानी नागरिक निवास कर रहे हैं,इन्हें अब वापस पाकिस्तान जाना होगा।पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के फैसले ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं,फिलहाल लोग खुद ही पाकिस्तान लौटने लगे हैं,वापस जाने की वीजा अवधि खत्म होने के बाद उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी,जो वापस पाकिस्तान नहीं लौटे होंगे।डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा है कि केंद्र सरकार के आदेश के मुताबिक पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने की कार्रवाई की जाएगी।

उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक यूपी में लगभग 1800 पाकिस्तानी नागरिक रहे हैं,जो पिछले कुछ साल पहले वीजा लेकर आए थे,लेकिन वापस नहीं गए।इन्होंने सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन भी नहीं किया है,इनमें पाकिस्तान से आए हिंदू शामिल नहीं हैं।पाकिस्तान से बड़ी संख्या में आए हिंदुओं ने नागरिकता के लिए आवेदन किया है।

बता दें कि पाकिस्तान से बड़ी संख्या में आए हिंदुओं ने नागरिकता के लिए आवेदन किया है।यहां बड़ी संख्या में पाकिस्तानी नागरिकों का शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म वीजा पर आना-जाना होता है,जिसका कच्चा चिट्ठा केंद्रीय खुफिया एजेंसियां और गृह विभाग रखता है।नियमों के मुताबिक पाकिस्तान से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को जिले के एसपी के पास अपना रजिस्ट्रेशन कराना होता है।वहीं आईबी के अधीन आने वाला फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ) इसे संकलित करता है।केंद्र सरकार के हालिया फैसले के बाद सभी जिलों में निवास कर रहे पाकिस्तानी नागरिकों का लोकल इंटेलिजेंस यूनिट ब्योरा जुटा रही है,जिससे आगे की कार्यवाही को अमल में लाया जा सके। उदाहरण के तौर पर बरेली में 35, बुलंदशहर में 18, वाराणसी में 10 और रामपुर में 30 पाकिस्तानी नागरिक हैं।

बता दें कि यूपी के हजारों मुस्लिम परिवारों की पाकिस्तानी नागरिकों के साथ रिश्तेदारी है।ऐसे में वीजा अवधि खत्म होने पर छिप जाते हैं और पहचान बदल लेते है। बीते दिनों बरेली में मां-बेटी को पाकिस्तानी नागरिक होने की वजह से सरकारी शिक्षक की नौकरी से बर्खास्त करने के साथ मुकदमा भी दर्ज कराया गया था। वीजा अवधि खत्म होने के बावजूद वापस नहीं जाने पर पुलिस कार्रवाई करती है,लेकिन लोग कानूनी दांव-पेच की वजह से बचते रहते हैं।

बिना वीजा भारत में घुसने के लिए अधिकांश पाकिस्तानी नेपाल रूट का इस्तेमाल करते हैं।बीते दिनों नेपाल के रास्ते नोएडा आई सीमा हैदर भी इनमें शामिल है।हालांकि अधिकारियों का मानना है कि बांग्लादेशी नागरिकों के मुकाबले इनकी संख्या अधिक नहीं है।तमाम घुसपैंठियों दारा भारतीय नागरिकता के दस्तावेज बनवा लेने से उनकी पहचान कर पाना आसान नहीं होता है।इनमें से कुछ जासूसी करने के मंसूबे के साथ आते हैं।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours