इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीएसए कौशांबी पर लगाया 2 हजार का हर्जाना

0 min read

वेबसाइट पर सारांश के बजाय पूरा आदेश अपलोड करने का सभी बीएसए को निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपनी वेबसाइट पर केवल “स्पीकिंग ऑर्डर का सारांश” अपलोड न करें. हाईकोर्ट ने कहा है कि सभी बीएसए पूरा आदेश अपलोड करें. कोर्ट ने बेसिक शिक्षा अधिकारी, कौशाम्बी पर 2000 रुपये का हर्जाना भी लगाया और आदेश दिया कि आदेश की प्रति के साथ साथ याची को हर्जाने का भुगतान किया जाय.

आदेश न होने से कोर्ट आ रहे हैं पीड़ित
हाईकोर्ट ने कहा कि वेबसाइट पर आदेश अपलोड न होने के कारण प्रभावित पक्षों को कोर्ट का रुख करना पड़ रहा है. यह आदेश जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की बेंच ने कौशांबी की सहायक अध्यापिका श्रीमती वंदना सिंह की याचिका पर दिया है. बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव को निर्देशित किया कि भविष्य में आदेश अपलोड करने से पहले उसकी प्रति संबंधित कर्मचारी को देना अनिवार्य किया करें.

स्पीकिंग आर्डर को अलग से देनी हो चुनौती
याची का कहना है कि उन्हें केवल कार्यालय ज्ञाप दिया गया, स्पीकिंग ऑर्डर की प्रति नहीं सौंपी गई. ऐसे में यदि ज्ञाप रद्द भी हो जाए तो स्पीकिंग ऑर्डर अलग से चुनौती देनी होगी. इसलिए विस्तृत आदेश उपलब्ध कराया जाय. सरकार की तरफ से आश्वस्त किया गया कि याची को 72 घंटे के भीतर स्पीकिंग ऑर्डर की प्रति उपलब्ध करा दी जाएगी. कोर्ट ने याची को आदेश मिलने पर चुनौती देने की छूट देते हुए याचिका निस्तारित कर दी.

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours