देवा शरीफ़ की दरगाह पर जमकर खेली गई होली,हिन्दू मुस्लिम एकता का दिया गया प्रतीक

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उत्तरप्रदेश के इस दरगाह में जमकर उड़े रंग-गुलाल, हिंदू-मुस्लिम ने मिलकर खेली होली
कहते हैं रंगों का कोई मजहब नहीं होता, उत्तर प्रदेश की ये मजार इस बात की मिसाल है। जहां हर साल की तरह इस बार भी खूब रंग उड़े। सभी धर्मों के लोगों ने एकजुट होकर गुलाल और गुलाब से होली खेली और आपसी भाईचारे की अनोखी मिसाल पेश की।
बाराबंकी के देवा में स्थित सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की मजार यूपी के काशी, मथुरा और ब्रज की होली के तरह ही प्रसिद्ध है देवा शरीफ की मजार में मनाई जाने वाली होली सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है।

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